साहित्य सुगंध
1.1.10
शुभ नव वर्ष !
नव वर्ष शुभ हो, मंगलमय हो !
हर रात चांद बनके आए
दिन का उजाला भी शान बनके आए
कभी न हो दूर चेहरे से मुस्कान आपके
नया साल ऐसा मेहमां बनके आए।
शुभ नव वर्ष 2010 !
- संस्कृति सरोकार परिवार
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