स्वच्छ जल

दुनिया में इनसान की जीवन प्रत्याशा बढ़कर औसतन ६६ वर्ष हो गई है, जो १९६० की औसत दर से २० वर्ष अधिक है। इसी तरह, पिछले ३० वर्षों में बाल मृत्यु-दर भी आधी हुई है। पर आज भी विश्व के एक अरब ३० करोड़ लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में, स्वच्छ जल की हर बूंद की कीमत समझिए। 

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Accuse not Nature, she hath done her part; do thou but thine.
John Milton
(1608-1674)
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