मेल अन्यंत्र खोले जाने समस्या के मेरे आग्रह पर कल रात पाबला जी का मार्गदर्शन भरा फोन आया तो मैं बेहद ही आत्मबिभोर हो गया! पाबलाजी से पहली बातचीत ! पाबला जी ने आत्मियता और अपनत्व से मेरा मार्गदर्शन किया! पाबला जी मुझ जैसे नये ब्लोगर्स का सदैव ही मार्गदर्शन करते है यह पाबाला जी की सहृदयता है! पाबलाजी आपका आभार !
आभार पाबला जी!
Posted by :रौशन जसवाल विक्षिप्त
ON
Wednesday, June 23, 2010
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पाबला जी ऐसे ही हैं, स्नेह से भरे हुए।
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