मुकेश चंद्र माथुर को श्रद्धा सुमुन

दोस्तो रफी, मुकेश, किशोर त्रयी के पार्श्व गायक मुकेश साहब की आज पुण्यतिथि है। एक बात काबिल-ए-गौर है कि रफ़ी, किशोर की आवाज़ में परफार्म वाले तो बहुत से गायक हैं और मिल भी जाएंगे लेकिन मुकेश जी का जवाब नहीं। मुकेश साहब की आवाज़ में गाने वाले उनके पुत्र नितिन मुकेश के अलावा कोई और शायद ही उनके आस-पास पहुंच पाया है।  ख़ैर मुकेश जी तो पर्दे पर छाना चाहते थे लेकिन क़िस्मत ने उन्हें पार्श्व-गायन में बुलंदियों पर पहुंचाया। उनकी इस चाहत को उनके पौत्र नील ज़रूर पूरा करने में प्रयासरत हैं।

एक बात शेयर करना चाहूंगी कि रफ़ी, मुकेश, किशोर और लता मंगेशकर को एक साथ गाने का अवसर केवल एक ही गीत में मिला था। वह गीत था अमर अकबर एन्थॉनी का हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें। इस गीत में परवीन बॉबी की आवाज भी थी। यही गीत इन चार महारथियों द्वारा एक साथ गाया पहला और अंतिम गीत है।

 साहित्य सुगंध परिवार मुकेश जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

3 comments:

  1. धन्‍यवाद जानकारी के लिए मुकेश जी को नमन

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  2. मुकेशजी को श्रद्धांजलि

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  3. मेरे पसंदीदा गायक मुकेश जी वास्तव में ही बेजोड़ आवाज़ के मालिक थे .
    शैलेन्द्र के बोल हों और शंकर जय किशन का संगीत तो उनकी आवाज़
    का जादू सर चढ़ कर बोलता था .
    उनकी मधुर समृति को शत शत नमन.

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There is no excellent beauty that hath not some strangeness in the proportion.
Francis Bacon
(1561-1626)
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