हिमाचल मित्र का वर्षा अंक

हिमाचल मित्र का वर्षा अंक मिला! जे पी सिघंल का आवरण बरबस मुखपृष्ठ को निहारने पर मज़बूर कर देता है! हिमाचल मित्र में प्रकाशित सामग्री पठनीय और संग्रहणीय होती है इसमें कोई दो राय नहीं है! कल्पना की उडान प्रभावित करती है साथ ही कोकस जी का लेख वसुदेव कुटम्बकम की याद दिला देता है! कैलाश आहलुवालिया जी संजोली शिमला महाविद्यालय में मेरे प्राध्यापक रहे है! उन्होने सदैव ही प्रोत्साहित किया है! अंक में प्रकाशित सभी को कहीं ना कहीं पढता रहा हूं! इसी दौरान एस आर हरनोट जी से लम्बे समय के बाद फ़ेस बुक पर सम्पर्क हो पाया यह हिमाचल मित्र का ही सहयोग है! हिमाचल मित्र ने कुछ करने के लिये प्रोत्साहित किया है अन्यथा मैं तो पिछले कई वर्षों से एकांत प्रिय हो गया था! मित्रों की रचनायें पढी तो उनके साथ की यादें ताज़ा हो आई! खैर..... हिमाचल मित्र को साधुवाद! और हां, अनुप जी मे्रा अंक देरी से मिलता है क्या कारण होगा? ज़रा मेरा ध्यान रखें! अगले अंक की प्रतीक्षा में..................... !

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I am Envy...I cannot read and therefore wish all books burned.
Christopher Marlowe
(1564-1593)
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