चलो हरामपना करें

सरकारीनौकरी लगते ही नालायक से नालायक बंदे की दिली इच्‍छा होती है कि वह महीना भर घरमें ,दफ्‌तर मेंकुर्सी पर सर्दियों में हीटर के आगे टांगें पसार कर, गर्मियों मेंपंखे के नीचे उंघियाता रहे और हर पहली को पेन भी औरों का ले सेलरी के कालम मेंघुग्‍गी मार जेब पर हाथ फेरता हुआ घर जाए। बंदा सरकारी नौकरी किस लिए करता है? जनता की सेवा केलिए? गलत! कोई मुझजैसे आदर्श कर्मचारी से पूछे तो मैं भी साफ कह दूं, हराम की खाने केलिए।
बंधु!मेहनत करके तो गधा भी खा लेता है। मैं तो भगवान की सर्वश्रेष्‍ठ कृति हूं , ऊपर से सरकार कादामाद। यानी सोने पर सुहागा। काम करे मेरी जूती! वैसे देश कौन सा मेरे काम करने परचल रहा है?यह तोअपने आप चल रहा है। अच्‍छा तो? दफ्‌तर में आप अकेले पिस रहे हैं? चार- चार सीटोंका काम आपके सिर? और साथ वाले हरामपने को प्‍यारे हो गए? छोड़ो यार! क्‍यामिला है यहां किसी को काम करके? जिन्‍होंने काम को पूजा माना,उन्‍हें कौन सा स्‍वर्ग मिल गया? गंजे हो गएसोच-सोच कर। बीपी हाई लिए सोते हैं, बीपी हाई लिए जागते हैं। दिल के मरीज हो गए।
देखिएसाहब! आज बाजार में सबकुछ उपलब्‍ध है,पर हरामपना नहीं,जिसकी मेरी तरहआपको भी सख्‍त जरूरत है। मैं आपको अपना सबकुछ दे सकता हूं पर अपने हिस्‍से काहरामपना नहीं। कारण, अभी मेरे पास हरामपने की बहुत कमी है। आप पैसे से सबकुछखरीद सकते हैं पर हरामपना नहीं। अपने हिस्‍से का हरामपना आप को खुद ही कमाना होगा।हरामपना कमाने के लिए खून-पसीना एक करना पड़ता है बंधु! हरामपना न तो खरीदने कीचीज है, न उधार लेने-देनेकी। यह तो मेहनत से अर्जित करने की वस्‍तु है। इसलिए जरूरी है कि आप मेरी तरह किसीसे ईमानदारी से प्‍यार-वार करें या न,पर हरामपना पूरी ईमानदारी से करें। जिन्‍दगीजीने का विशुद्ध आनंद लेना हो तो!
आज जो आपमुझे हरामपने में इतना माहिर देख रहें न! इसके लिए मैंने कितनी तपस्‍या की है आपकोक्‍या पता?इसी तपस्‍याके चलते आज हरामपने पर सेमीनारों में शोध-पत्र पढ़ने सादर बुलाया जाता हूं।
बन्‍धुओं, अपनी इस तपस्‍याके चलते मैंने हरामपने के कुछ फंडे शोधे हैं। इन्‍ही के बूते आज मजे से खा रहाहूं। आपके लाभार्थ दे रहा हूं। मुझे अपने षोधे फंडों पर भगवान से ज्‍यादा विश्वासहै।
दफ्‌तरमें सदा काम चोर बनें। हरामपने में तरक्‍की के लिए इससे बड़ा आलम्‍बन और कोई नहीं।जो आत्‍माएं नौकरी में रहते हुए कामचोर नहीं होतीं, भगवान उन्‍हेंनरक में भेजता है।
अपनी सीटपर बैठे बिना भी जितनी हो सके अनुशासनहीनता कीजिए। यह बड़ा आत्‍मिक सुख देती है।आप दफ्‌तर में जितने अनुशासनहीन होंगे, हारमपना उतना हीआपके करीब आएगा और एक दिन आप भी मेरी तरह दफ्‌तर में सर्वश्रेष्‍ठ हो जाएंगे। अपनेविभाग में मेरी तरह के ज्‍वलंत उदाहरण बन जाएंगे।
दफ्‌तरमें जो भी करें, परेशानी वालाकरें। आपकी मास्‍टरी मेरी तरह सबको परेशान करने में होनी चाहिए। कोशिश कीजिए, सभी आप से दूररहना पसंद करें। जनता आपका नाम सुनते ही थू-थू करे। मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ है, बहुत मजे मेंहूं।
दफ्‌तरमें सदा किसी न किसी को पंगा घड़ कर रखें। किसी को पंगा देने में जो स्‍वर्गिकअनुभूति होती है, मत पूछिए! अब होगए आप अपनी मेहनत का सुख भोगने के पूरे उत्‍तराधिकारी। नो वर्क्‍स! केवल पर्क्‍स!!द बेस्‍ट नौकरी! जहां मर्जी कीजिए जाइए। जो मर्जी कीजिए,खाइए। किसकीहिम्‍मत जो आपको पूछे? जूते खाने हैंक्‍या? याद रखें, जो हरामी परथूकता है, थूक उसी परगिरता है। गॉड ब्‍लेस यू! जरूरत पड़े तो बंदा हाजिर हो जाएगा! बस याद भर कर लेना।भगवान सभी को हराम का खिलाए, अपनी तो भगवानसे बस यही दुआ!

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Do not read, as children do, to amuse yourself, or like the ambitious, for the purpose of instruction. No, read in order to live.
Gustave Flaubert
(1821-1880)
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