एस.आर. हरनोट

श्री एस.आर. हरनोट का जन्म जनवरी, 1955 में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिल की पिछड़ी पंचायत व गाँव चनावग में हुआ। बी.ए. ऑनर्ज़ एम.ए.(हिन्दी), पत्रकारिता, लोक-सम्पर्क एवं प्रचार-प्रसार में उपाधि पत्र प्राप्त करने वाले श्री हरनोट प्रदेश तथा देश से प्रकाशित होने वाले हिन्दी के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में इतिहास, संस्कृति, लोक जीवन और विविध विषयों पर नियमित लेखन करते रहे हैं। इनकी कहानियाँ कई संपादित संग्रहों में शामिल हो चुकी हैं तथा अंग्रेजी, मराठी, कन्नड़, पंजाबी और गुजराती, तेलगू सहित कई अन्य भाषाओं में इनकी कहानियों के अनुवाद भी प्रकाशित हुये हैं। अब तक इनके कई कहानी संग्रह, "हिडिम्ब" नामक उपन्यास, हिमाचल प्रदेश के मंदिरों व लोक-कथाओं पर एक शोध तथा एक यात्रा-संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। "दारोश तथा अन्य कहानियाँ" कहानी-संग्रह के लिये इन्हें २००३ का अंतर्राष्ट्रीय इंदु-शर्मा कथा सम्मान तथा २००७ में हिमाचल राज्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त इन्हें अखिल भारतीय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एवार्ड, हिमाचल गौरव सम्मान व हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्य सम्मान सहित कई अन्य सम्मान और पुरुस्कार भी मिल चुके हैं। वर्तमान में आप हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।


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Judge the goodness of a book by the energy of the punches it has given you. I believe the greatest characteristic of genius, is, above all, force.
Gustave Flaubert
(1821-1880)
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