कुमारसैन में प्रथम साहित्यिक आयोजन

कुमारसैन की नवगठित साहित्य और सांस्कृतिक संस्था मंथन ने अपना पहला साहित्यिक समागम अययोजित किया। लगभग 25 कवियों व 100 से अधिक श्रोताओं व क्षेत्र के बुद्धिजीवियों के बीच मशहूर लेखक एस आर हरनौट के दीप प्रजवल्लन के साथ कुमारसैन साहित्य मंच 'मंथन' ने  अपनी पहली साहित्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। गोष्ठी का आयोजन आई टी आई कुमारसैन में किया गया। गोष्ठी में "हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच" व 'हिमवाणी संस्था' के साहित्यकारों व क्षेत्र के अन्य कवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर एस आर हरनौट बतौर अध्यक्ष उपस्थित रहे। उन्होंने समाज में फैल रही बुराइयों को दूर करने में साहित्य के योगदान पर रोशनी डाली। उन्होंने अपनी कविता भी पढी और आई टी आई कुमारसैन के पुस्तकालय के लिये 5100 रू की पुस्तकें देने की घोषणा की। 'मंथन' के संयोजक हितेंद्र शर्मा ने उपस्थित कवियों व जनसमूह से 'मंथन' मंच का परिचय करवाया। उन्होंने कहा कि मंच भविष्य में भी ऐसी गोष्ठियों का आयोजन करेगा जिसका उद्देश्य नौजवानों में सकारात्मक सृजनात्मकता पैदा करना है ताकि समाज को स्वच्छ बनाया जा सके। अन्य लेखकों ने भी पुस्तकालय के लिये अपनी पुस्तकें भेंट की। मंच सलाहाकार अमृत कुमार शर्मा ने पधारे मेहमान कवियों का स्वागत किया। इस आयोजन में आत्मा रंजन, हितेंद्र शर्मा, गुप्तेश्वरनाथ उपाध्याय, मनोज चौहान, अश्विनी कुमार, नरेश देयोग, मोनिका छट्टू, उमा ठाकुर, कल्पना गांगटा, भारती कुठियाला, वंदना राणा, पूजा शर्मा, कुलदीप गर्ग, शिल्पा, दीपक भारद्वाज, प्रतिभा मेहता, अमृत कुमार शर्मा, राहुल बाली, स्वाती शर्मा, ताजी राम, विक्रांत ने गोष्ठी में अपनी कविताओं से समा बंधा ।
संस्था के मुख्य संचेतक रोशन जसवाल विक्षिप्त ने आई टी आई कुमारसैन के प्रधानाचार्य, अन्य स्थानीय स्कूलों के उपस्थित प्रधानाचार्यों और 'हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच" व 'हिमवाणी संस्था' का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये बधाई दी व धन्यवाद किया। मंच के प्रचारक दीपक भारद्वाज ने अपनी कविताओं से खूब वाह वाही लूटी। शिलारु की ज्ञानी शर्मा व मधु शर्मस ने विवाह गीतों से समा बांधा। साप्ताहिक गिरिराज से अश्वनी कुमार, सामाजिक संस्था ‘जीवन ज्योति’ के अध्यक्ष महावीर वर्मा  व स्थानीय प्रबुद्ध जनों ने भी रूचि दिखाई।





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Mark Twain
(1835-1910)
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