मोहे अंग्रेजी दीजौ

आप हों यान हों, होने के बाद भीखुल कर कह सकते हों या न ,पर मैं सरेआम कहता हूं कि मैं साहब भक्‍त हूं। इस लोक मेंतो इस लोक में,तीनोंलोकों में कोई एक भी ऐसे बंदे का नाम बता दें जो आज तक साहब भक्‍ति के बिना भवसागर तो भव सागर एक छोटा सा सूखा नाला भी पार कर पाया हो तो उसके जूते पानी पीऊं।क्‍या है न साहब कि तीनों लोकों में ईश्वर भक्‍ति के बिना मुक्‍ति संभव है पर साहबभक्‍ति के बिना जो मुक्‍ति के द्वार खुद की मेहनत से खोलने के मुगलाते में हैंउनसे बड़ा गधा शायद ही कहीं देखने को मिले।
साहब भक्‍तिमें लीन साहब के आदेशों का पालन करते हुए कल सुबह साहब के कुत्‍ते के साथ सुबह कीसैर पर निकला था कि सामने से भगवान आते दिखे पर मैंने कोई रीसपांस नहीं दिया। क्‍याकरना उन्‍हें प्रणाम कह कर जब मेरे पास उनसे अधिक शक्तिशाली बंदा है। मैंने भगवानको प्रणाम नहीं किया तो बेचारों ने खुद ही मुझे प्रणाम करते कहा,‘ प्रणाम साहब केपट्‌ठे।' फिर एक हाथ अपनीकमर पर धरा।
हूं , कहो क्‍या हालहै? ठीक ठाक से तोहो न?' हालांकि साहब काटामी मुझे वहां रूकने देना नहीं चाहता था, शायद उसे अपनी प्रेमिका से मिलने की जल्‍दीथी। पर मैं चलते चलते वह रूक गया।
कहां यार! सारादिन पुजारी द्वारा धमकाए जाने पर सोने के पानी वाली लोहे की चौकी में इकतरफा बैठबैठ कर दर्द हो गई थी सो सोचा कि जरा घूम आऊं जब तक पुजारी मंदिर के द्वार खोलताहै। पर तुम पत्‍नी के बदले इस कुत्‍ते के साथ घूमने निकले हो? आज की भाग दौड़की जिंदगी में एक ये ही तो आज के लोगों के पास क्षण बचे हैं जब पति पत्‍नी आपस मेंबतिया लेते हैं। '
यार भगवान रह गएन भगवान के भगवान ही। घरवाली के साथ इतने सालों तक घूमा, क्‍या मिला! आपक्‍या चाहते हो कि सुबह सुबह भी मेरी शांति भंग हो!'
और ये कुत्‍ताक्‍या दे रहा है तुम्‍हें?? '
कम से कम किसीचीज की मांग तो नहीं कर रहा है। मेरे साथ देखो कितनी शान से इतरा रहा है। जब घरजाकर साहब को मेरी भक्‍ति की रिपोर्ट देगा तो साहब मुझे शाबाशी देंगे।' कह मैंने साहबकी पुरानी पहनी शर्ट के कालर खड़े कर दिए।
जो कुत्‍ते आदमीको अपने साथ घुमाने ले जाने का माद्‌दा रखते हों वे शान से इतराएगें नहीं तो क्‍यारोएंगे?' यार भगवान!पुजारी का गुस्‍सा मुझपर क्‍यों निकाल रहे हो? मैं डरा भी अगर कुत्‍ता सब समझ गया तो गयाअपना सारा रौब पानी में। पर तभी याद आया कि साहब ने एक दिन बताया था कि टामी हिंदीनहीं समझता। अगर कोई जरूरत पड़े तो थोड़ी सी अंग्रेजी सीख लेना। उसे भी गर्व होगाकि साहब के सरकारी नौकर भी पढ़े लिखे हैं। नहीं तो उसके सामने चुप ही रहना। मैंनहीं चाहता कि टामी टामी से टुम्‍मु हो जाए। मैंने कुत्‍ते का मन रखने लिए यों हीकह दिया,‘गुड,गुड! वैरी गुड!!' तो कुत्‍ताभगवान के साथ मुझे अंग्रेजी में बतियाते देख मुस्‍कुराया।
ये गुड़ गुड़ क्‍याकर रहा है यार?'भगवानपसोपेश में,‘ये गुड़गुड़ चर्च में जाकर करना। यहां तो हिंदी में बात कर। मैं भगवान हूं ईसा मसीह नहीं।'
एक बात पूछूंभगवान?'
पूछो।'
मेरा भला चाहतेहो?'
मैंने तो आजतकअपने हर भक्‍त का भला ही चाहा है चाहे उसने मुझे खोटा सिक्‍का ही क्‍यों न चढ़ायाहो।'
तो मुझे वरदानदो कि मैं वैसे ही अँग्रेजी बोलने लग जाऊं जैसे जन्‍मों का गूंगा हिंदी बोलने लगजाता है।'
पर तुम तो चारफेल हो।'
भगवान क्‍यानहीं कर सकते?'
तो इससे क्‍याहोगा?'
साहब के कुत्‍तेके साथ मुझे ही रख लिया जाएगा। क्‍योंकि उन्‍हें कुत्‍ते के साथ ऐसा सरकारी नौकरचाहिए जो उसके साथ अंग्रेजी बोल सके। फिर मेरे मजे ही मजे।'
हिंदी कह करअपने साथ रहना नहीं चाहोगे?'
हिंदी के साथ तोहिंदी वाले हिंदी दिवस के दिन भी नहीं होते। तो देते हो वरदान कि... समझूं अब तुमभी असरहीन हो गए हो??' और भगवान को न चाहते हुए भी कहना ही पड़ा,‘तथास्‍तु!!'

0 comments:

Post a Comment