कविता --- बोधिस्‍तव कस्‍तूरिया.

 महात्मा गाँधी और लाल बहादुर  के जन्मदिन पर


है शपथ हर.भारतवासी को उनके जीवन बलिदान की।

सत्य,शान्ति और अहिंसा पर जो हुए सदा न्यौछावर,

नव भारत निर्माण हेतु चलाए गए उनके अभियान की।।

विश्व शांति के उन्ही मानदंडों की शपथ तुम्हैं भारतवासी

भर्ष्टाचार और शोषण मुक्त समाज के उनके अरमान की।।

न रहे कोई वर्ग शोषित,दलित,पिछड़ा  भारतीय समाज का,

नही ज़रूरत बर्बर बाबर और चंगेज़ी औरंगजेब संतान की।।

बुद्ध और महावीर की धरती सदा नमन करती है तुमको,

रहे सदा दम्भ हमे, शांति दूतों के गौरवशाली बलिदान की।।


बोधिस्‍तव कस्‍तूरिया

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Happiness in marriage is entirely a matter of chance.
Jane Austen
(1775-1817)
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