कहानी : रिश्ते का कत्ल ---- नन्द लाल भारती

 


सुखी भईया काहें मुंह गिराये बैठो हो । कुछ कामधाम करना नहीं हैं का आज।

खुशी भैया जब दिल ही टूट गया तो काम कर क्या करेंगे।दो वक्त की दो रोटी चाहिए परमात्मा की कृपा से उतना कमा लिए हैं। जीवन बीत जायेगाभूखे मरने की नौबत नहीं आयेगी।

एकदम से तुमको क्या हो गया ?   कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे सुखी।तुम्हारे सपनों का क्या होगातुम्हारे जैसे सपने बोने वाले  निराशावादी बन जायेंगे तो ? ऐसी क्या बात हो गई कि दिल टूट गया । दूसरों को रोशनी दिखाने वालेअंधेरे का मुसाफिर क्यों बन रहे सुखी भैया खुशी बोले ।

बहू ने अरमानों का कत्ल कर दिया हैडर है कि यह विपदा किसी मोढ़ पर सांस भी न छिन ले ।

कौन सी बहू की बात कर रहे हो ?

खुशी भैया एक ही तो बहू आई है। छोटे का तो अभी ब्याह करना बाकी है।बड़ी बहू ने तो आते ही नरक का दुख देने लगी है।

क्या कह रहे हो सूखी,खुशी माथा ठोकते हुए बोला ।

सच कह रहा हूँ खुशी भैय्या पांच साल से कभी पूरी नींद नहीं सो पाया हू,रमन की मां के तो आंसू सूख गए हैंआंखें पथरा सी गई है सुखी बोला ।

शादी के पहले तो सती सावित्री बन रही अब डायन हो गई खुशी बोला ।

हां......भैया ना जाने किस जन्म का पाप भोग रहा हूँ। शादी के तुरंत बाद ही बहू कैकेयी का यौवन धारण कर ली थी।ठगिनी बहू और उस के लूटेरे मां-बाप ने ना जाने कौन सा ऐसा मन्त्र रमन के कान में फूंक कर  रमन को भी  दिया है ।रमन को तनिक परिवार की सूधि आती है तो साईको बहू तरह-तरह के टार्चर खुद करती हैअपने मां -बाप से करवाती है। बेटा हाथ से निकलता जा रहा है खुशी भैया ।

शादी से पहले तो बड़ी तारीफ कर रहे थे एकदम से सब कुछ उलटा कैसे हो गया ?

खुशी भैय्या जो कुछ बतायादिखाया सब झूठ निकला। बहू का बाप खुद को बडी कम्पनी के सामानों का डिस्ट्रिब्यूटर बताया था,लड़की को पोस्टग्रेजुएट और प्रोफेशनल ग्रेजुएट बताया था पर निकला सब कुछ झूठ ।

सुखी बाबू ठग गिरोह के झांसे में आकर कर लिए  बिना दहेज की शादी करने का वादा,देखो तुम्हारी वफा का क्या सिला दिया ठगों। 

खुशी भैया इल्जाम मत मढ़ो। काश मै बेटों के बचपन मे अपने किए  बिना दहेज की शादी करने का मित्र से वादा तोड़ दिया होता तो ऐसे दुर्दिन नहीं आते ।

वादा किया है तो निभाना भी चाहिए,भले ही पुर्जे-पुर्जे टूट जाओ ? खुशी आधे मुसकियाते हुए बोला ।

हंस लो खुशी भैया। मैं आदमी को पहचान नहीं पाया। तुम क्या सब हंसते हैं। कहते हैं बड़ा समाज सुधारक बनने चला था।दूल्हा बाजार मे दस लाख कीमत थी पर लात मार करदेखो खुद टूट कर बिखर गये।खुशी भैय्या उम्मीद है बेटा वापस आयेगाभले ही अछूतानंद की समाधि से अवैध कमाई करने वाले ठग की बेटी ना आये ।

 तुम्हारा समधी किसी खतरनाक गिरोह का आदमी है क्या खुशी पूछा।

भैया समधी मत कहो। रिश्ते के नाम पर कलंक है फरेबरतनघातक , उसकी घरवाली रामकुमारी और उसका परिवार।इस इंसान ने बेटे को बंदूकअसलहातलवार और दहेज के केस मे पूरे परिवार को जेल भेजवाने का डर दिखाकर मेरे परिवार का बागी बना दिया है।चार बेटियों और एक बेटे का बाप फरेबरतन हमारे कत्ल की धमकी भी फोन पर दिया। बेटे पर दबाव बना रहा है कि वह आधा दर्जन बच्चों की पढाई लिखाईब्याह का खर्चा उठाये। रिश्ते के दुश्मन को समधी कहना गाली लगता है।फरेबरतन शादी के दिन से ही तन्त्र मन्त्रसम्मोहन,ना जाने और क्या जादू टोना कर बेटवा के दिलोदिमाग पर कब्जा किये हुआ है।समझाने की कोशिश करता तो कहता अभिलाषा के साथ समन्दर मे कूद कर जान दे दूंगा।डायन अभिलाषा और उसके मां बाप ने हमें सौतेला मां बाप साबित कराने का भी प्रयास किया,इसके लिए डायरी भी तैयार करवाई गयी थी। ठग फरेबरतन की विषकन्या के इश्क मे रमन इतना डूबा की खुद को भूल गया। यही तो ठग परिवार चाहता था। पूरी तनख्वाह और बचत पर विषकन्या का कब्जा हो गया। फरेबरतन ने अपनी बेटी को रमन की सेरोगेटवाईफ बना दिया।रमन की कमाई विषकन्या से लूटवाकर दो मंजिला मकान खड़ा कर दिया।बेटा तंगहाली मे रहता है । दो वक्त की रोटी को मोहताज फरेबरतन की विषकन्या ऐय्याशी लाइफस्टाइल इंज्वॉय कर रही है ।भैय्या खुशी सेरोगेट डाटर- इन- ला अभिलाषा ने परिवार का ही नहीं अब बेटे का भी जीवन नरक बना दिया है।

रमन को ठग की बेटी से जितना जल्दी छुटकारा मिले ले लेना चाहिए । एक बात कहूं सुखी भैया नाराज नहीं होना खुशी बोला ।

अरे भैया बोलो नाराज क्यों होऊंगा ।

देखो तुम्हारा रमन बहू की नाक में पहले नकेल डाल देता तो ये साइको सेरोगेट बहू इतनी तो बेकाबू नहीं होती। बेटा साइको को सिर पर चढा कर खुद के पैर में कुल्हाड़ी मार लिया है।रुपया से जब तक सेरोगेट वाईफ का मुह भरता रहेगा तब मौन रहेगीजैसे ही कमी किया बौरा जायेगी। साइको को अपनी गृहस्थी की चिंता नहीं लगती हैपति की कमाई छिन कर मां बाप को अमीर बनाने पर तूली हुई है खुशी बोला।

भैया ये सब तुम को कैसे मालूम ?

भैया कान्हपूरिया बहू लाये होअक्सर कान्हपूरिया बहूये ऐसा ही करती हैं। तीन लोगों को जानता हूँ जो कान्हपूरिया बहू खुशी-खुशी लाये पर अब रो रहे हैं। एक बिजनेसमैन ने तो सिर्फ अस्सी लाख बहू भोज पर खर्च किया पर बहू आते ही घर का सुख चैन छिनने लगी आखिरकार तलाक हुआ इसके लिए बहुत मोटी रकम ली थी।तुम्हारी तो लूटेरे मां बाप की बेटी तलाक भी नहीं देगी भले चिल्ला चिल्ला कर तलाक मांगती रहे पर रमन का पीछा एक मिनट के लिए भी नहीं छोड़ेगी ।

 

 

हां भैया खुशी  मैं भी यह बात समझ गया हूँ। उसके मां बाप का हमारे परिवार में शादी करने का मकसद सिर्फ बेटे की कमाई ऐंठना और प्रापर्टी हड़पना भी हो सकता है।एक मां बाप इतने कसाई हो सकते हैं ? बेटी की पहली डिलीवरी मायके मे होती हैखर्च मायके वाले करते हैं। ये कसाई लोग बेटे की सारी जमा पूंजी दस लाख से उपर लूट लिए। अपने घर को अच्छा लूक देने के लिए घर की रिपेयरिंग पहली मंजिल का घर बनाने के लिए और कलर करवाये वह भी दमाद की आंख में मिर्च छोक कर सुखी बोला।

खुशी माथा ठोंकते हुए बोला मेरे पिताजी ने मेरा परिवार बर्बाद होने से बचा लिए ।

वो कैसे सुखी बोले ?

पिताजी मरने से पहले आगाह कर दिये थे,बेटा मेरे पोतों की शादी भले ही अन्तर्जातीय कर देना पर कान्हपूरिया बहू मत लानामैंने वही किया वरना मुझे कण्डे से आंसू पोछना पड़ता खुशी बोला।

काश मेरे पिताजी को भी ऐसी जानकारी रही होती कहते हुए सुखी गमछा से आंसू छिपाने लगा।

भैया सुखी तुम फरेबरतन घातक जैसे शिकारी के जाल में कैसे फंस गए खुशी बोला ।

अतिसंवेदनशील होनाबर्बादी का कारण बन सकता है और यही हमारे साथ हुआ। ठग फरेबरतन घातक फेंक तो बहुत ऊंची ऊंची रहा था कि मेरा बड़ा शोरूम हैकई लोग काम करते हैं।उस फरेबी का सफेद झूठ तो मेरे समझ मे आ गया था।चार बेटियों के बाप पर दया आ गईमैंने सोचा मुझे बिना दहेज की शादी करनी हैइसकी अमीरी से क्या लेना।दूसरे वह पहली बार ही बेटी को साथ लेकर दिखाने मेरै घर आया था। हम बहुत संवेदनशील हो गए और मना नहीं कर पाये । मै अपनी अतिसंवेदनशीलता के बदले आज आंसू गार रहा हूँ,ठग चोर की बेटी ने जीवन नरक बना दिया है  सुखी बोला ।

बेटी को तुम्हारे घर आकर दिखाना पासा की चाल थी। खैर अब तो लूट गए दोस्त। अब तलाक ही निदान है पर तुम यह भी नहीं कर सकते खुशी बोला।

गोद के बच्चे का भी भविष्य देखना है। खैर बच्चा तो ठग की बेटी ने सिर्फ पैसा ऐंठने के लिये शायद लेबरपेनरहित आपरेशन से पैदा की  है। लेबरपेन वह क्या जाने । रमन को गाली दे रही बचवा को तेरी मां ने पैदा किया हैबहुत मोहगर बन रही है।डायन कभी डायपर बदली न कभी  छाती से दूध बच्चे को पिलायी।बच्चे को रुलाने के लिए उसके गले में उंगलियां घुसा देती,बच्चा तिलमिला कर उल्टी करने लगतासोते वक्त बच्चे को चिकोटी काटती रहतीतरह के अत्याचार फूल जैसे बच्चे पर करती है। वही उसी बच्चे को मोहरा बना रमन की कमाई पर नागिन की तरह फन काढे बैठी हैं। मांं-बाप के लिए खुद मोहरा बनी बैठी हैमेरा बेटा और परिवार त्राहि त्राहि कर रहा है सुखी बोला ।

तुम्हारी अभिलाषा बहू है या बहू के रुप मे डायन ?

डायन ही मान लो,जो पत्नी पति से बच्चे का डायपर बदलवाये,छाती से दूध न पिलाये,पलंग पर पड़ी रहे,पति से घर का काम करवाये,अंग्रेजों के जमाने के जेलर की तरह पति का टार्चर करे ,अपने ठग-गुण्डे  मां- बाप से करवाये,नवजात  बच्चे का टार्चर करे,सास-ससुर,ननद,देवर और परिवार की इज्ज़त को सड़क पर लाकर नंगी  कर बेइज्जत करने की धमकी दे,पति को लूटकर बाप की तिजोरी भरे ,सास-ससुर की की कमाई पर गिद्ध दृष्टि लगाये हो तो ऐसी बहू को डायन नहीं तो क्या कहेंगे सुखी नजरे झुकाये  हुए बोला ?

ये बहू तो बड़ी जालिम निकली,तुम्हारे सपनों को जलाकर राख कर दी । बहू के मां बाप नटवर लाल लगते हैं खुशी बोला ।

हां भैया ठीक ही कह रहे हो,बच्चों में  संस्कार तो मां- बाप से ही आते हैं।     शादी जब से हुई है तब से घर नहीं आई। मेरे पिता जी मर गए,मेरी पत्नी सर्प दंश की शिकार हुईमहीनो बीमार रहीमर कर जीयी,मै खुद अस्पताल मे भर्ती रहा पर न तो डायन बहू और न उसके ठग मां बाप कभी हालचाल पूछे।ठग परिवार जीवन का श्राप बन गया है सुखी बोला ।

खुशी-इस श्राप से मुक्ति तो बस तलाक है।

यही तो सब चाह रहे हैं पर ठग की बेटी खून चूस रही हैजब से आई तब बस परिवार के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रही है।बचवा का बाल उतरवाने के लिए रमन गांव ले गया था। बाल उतरवाने के बाद तो बड़ा बवाल मचा दी। चौराहे पर खड़ी होकर चिल्ला रही थी देखो गांव वाले सब परिवार वाले मिलकर कर मार रहे हैं। थाने जा रही हूँ कहते हुए एक कमरे मे घुसी और अन्दर से दरवाजा बंद कर लीलोगों को लगा आत्महत्या न कर ले घण्टों की मसकत के बाद दरवाजा खुलाइसके बाद बेटा और भाई उसके बाप के घर कान्हपुर छोड़ आये। इसके बाद अपने बाप को रमन से वसूली के लिए भेजी शायद बेटा पैसा नहीं दिया । वसूली करने आया उसका बाप खाली हाथ वापस चला गयाखाली हाथ लौटने की खबर सुनकर बेटा की सेरोगेट वाईफ अभिलाषा पगला गई । काकी सास सुजाता को फोन पर बहुत गंदी गंदी गालियां दी थी जबकि बेचारी सुजाता अपने सगे भाई की मौत संस्कार मे मायके मे थी।

बाप रे ऐसी बहू किसको बर्दाश्त होगी  खुशी माथा ठोंकते हुए बोला ।

भैया ना जाने किस अनजाने अपराध का दुख भोग रहा हू। बड़े अरमान से बहू को बेटी का दर्जा दिया था।पांच साल हो गए वह न घर आती है न रमन को आने देती हैउसके फोन पर पहरा लगाये रहती है। चार दिन कान्हपुर रही चालीस बार तलाक की धमकी दे चुकी है,सुना है बेशर्म चरित्रहीन मां बाप की बेटी मदलोर पहुंच गई है।रमन को वह पति नहीं एटीएम समझती है सुखी सुबकते हुए बोला।

सुखी भैय्या जिस फरेबरतन और उसकी पत्नी रामकुमारी ने तुम्हारे हिस्से का बेटा का सुख बहू का सुख और पौत्र का सुख लूटा है ईश्वर इस दगाबाजों को सात जन्म तक इन सुखो से कोसों दूर रखेंयह मेरा श्राप है।

सुखी भैया क्या कह दिये ?

रिश्ते का कत्ल करने वालों को क्या कहे ?

अपनी साइको बेटी को तुम्हारे बेटे से धोखे मे रखकर ब्याह कर परिवार का सुख लूट लिया है ,देखना तुम्हारे खून पसीने की कमाई पर कोई साजिश कर कबजिया न ले खुशी बोला ।

हां भैया डर तो यह भी है। बदमाश बेटवा को  किसी साजिश के तहत् मदहोश कर हमें पागल घोषित करवा कर बुढापे का आसरा न छिन ले। बेटवा सुखबहू का सुखपौत्र का सुख परिवार के चैन पर  फरेबरतन ने कब्जा तो कर ही लिया है ।अब तो साइको बहू बेटा रमन को लूटने के लिए  पौत्र को मोहरा बना रही है। बेटा क्या परिवार  के सभी लोगों को बचवा से बहुत प्यार करते हैं।  हम बदनसीब को बचवा को जन्म से लेकर आज गोद मे खिलाने अंगुली पकड़ कर चलने

 तरस रहे है।साइको बहू और उसके दगाबाज मां बाप को रिश्ते मे नहीं बेटवा को लूटना  और सम्पत्ति मे दिलचस्पी है।

बाप रे क्या मां बाप हैं  अपनी ही ब्याहता बेटी को सेरोगेट डाटर-इन-ला,सेरोगेट वाईफ और  सेरोगेटमदर बनाकर पवित्र रिश्तों का कत्ल कर ।

नन्द लाल भारती

 

 

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That is one good thing about this world...there are always sure to be more springs.
Lucy Maud Montgomery
(1874-1942)
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