सिरमौर के सराहां में वामन द्वादशी मेला


हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले पारंपरिक मेलों की श्रृंखला में सिरमौर जिला के सराहां में  मनाए जाने वाला  वामन  द्वादशी  मेला इस वर्ष भी 6 सितंबर   को बडे़ हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह मेला सराहां बाजार स्थित भगवान वामन  के प्राचीन मंदिर के नाम पर हर वर्ष भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को आयोजित किया जाता है। इसमें जिला सिरमौर के अतिरिक्त पड़ोसी राज्य से हजारों की तादाद में श्रद्घालु पहुंचकर भगवान वामन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।  मान्यता के अनुसार भगवान वामन के दर्शन एवं नौका विहार के दौरान प्रसाद प्राप्त  करने से ग्रह के प्रकोप से शांति मिलती है। मेले का शुभारंभ वामन भगवान की पारंपरिक पूजा एवं  शोभा-यात्रा के साथ होता है जिसमें सैंकड़ों की तादाद में लोग भाग लेते हैं। इसके उपरांत सराहां बाजार में स्थित प्राचीन तालाब में वामन भगवान को नौका विहार करवाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वामन भगवान को विष्णु का पांचवा अवतार माना जाता है । एक पौराणिक कथा के अनुसार दैत्य सेनापति बलि ने देवताओं को पराजित करके स्वर्ग पर अधिकार कर लिया।  उसने इसी खुशी में अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया। देवताओं ने  पराजय से दुखी होकर भगवान विष्णु की शरण ली। भगवान विष्णु उनकी सहायता करने का आश्वासन देते हैं और भगवान विष्णु वामन रुप में माता अदिति के गर्भ से उत्पन्न होने का वचन देते हैं। दैत्यराज बलि द्वारा देवों के पराभव के बाद कश्यप जी के कहने से माता अदिति पयोव्रत का अनुष्ठान करती हैं जो पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है तब भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन अदिति के गर्भ से विष्णु भगवान वामन के रूप में अवतार लिया। वामन अवतार लेकर विष्णु भगवान ब्राह्मण वेश धर कर राजा बलि के यहां भिक्षा मांगने पहुंचते हैं। वामन रुप में श्री विष्णु भिक्षा में तीन पग भूमि मांगते हैं, राजा बलि अपने वचन पर अडिग रहते हुए श्री विष्णु को तीन पग भूमि दान में दे देते हैं। वामन रुप में भगवान ने एक पग में स्वर्ग और दूसरे पग में पृथ्वी को नाप लिया और अभी तीसरा पैर रखना शेष था। ऐसे मे राजा बलि अपना वचन निभाते हुए अपना सिर भगवान के आगे रख देते हैं और वामन भगवान के पैर रखते ही राजा बलि पाताललोक पहुंच जाते हैं। बलि के द्वारा वचन का पालन करने पर, भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और बलि को पाताल लोक का स्वामी बना देते हैं इस तरह भगवान वामन देवताओं की सहायता कर उन्हें पुनः स्वर्ग का अधिकार प्रदान करते हैं। मेले के दूसरे दिन  7 सितंबर को विशाल दंगल का आयोजन किया जाएगा, मेला समिति द्वारा इस पारंपरिक मेले को आकर्षक बनाने के लिए मेले की दोनों संध्याओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से  कलाकारों को आमंत्रित किया गया है ।

0 comments:

Post a Comment

Marriage is a very good thing, but I think it's a mistake to make a habit of it.
W. Somerset Maugham
(1874-1965)
Discuss